संयुक्त राष्ट्र संघ-सुरक्षा परिषद - सुपर ट्रिक
(United Nations Security Council)
राजनीति विज्ञान हो या
सामान्य अध्ययन ( General Knowledge ) से संबंधित जटिल तथ्य जिन्हें आप आसानी से याद नही रख पाते, उन तथ्यों को इन ट्रिक्सों में बहुत ही आसान व रोचक तरीके से प्रस्तुत किया गया है | इन ट्रिक्सों के माध्यम से आप बहुत ही कम समय मे राजनीति विज्ञान हो
या सामान्य ज्ञान आदि को याद कर पायेगें !!
संयुक्त
राष्ट्र संघ – सुरक्षा परिषद
दोस्तों समकालीन विश्व राजनीति में
संयुक्त राष्ट्र संघ व सुरक्षा परिषद का महत्वपूर्ण योगदान है, बोर्ड या
प्रतियोगी परीक्षा की दृष्टि से सुरक्षा परिषद बेहद उपयोगी है ,इसे याद करने के लिए सरल,सटीक व आसान ट्रिक द्वारा
आपके लिए प्रस्तुत है जिससे आप परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते है |
सुरक्षा परिषद के पाँच स्थायी राष्ट्र के लिए आसान ट्रिक
सूत्र – “आज रुची का बॉय फ्रेंड अमरीका में घूम रहा है |”
सूत्र का विवरण :-
आ - आ = साइलेंट
आ - आ = साइलेंट
ज - ज = साइलेंट
रु - रु = रूस
ची - ची = चीन
का - का = साइलेंट
BOY - B = ब्रिटेन
FRIEND – F = फ्रांस
अमरीका – अमरीका =अमरीका...घूम रहा है|
सुरक्षा परिषद के 10 अस्थायी राष्ट्र
दस अस्थायी सदस्य राष्ट्र क्षेत्रीय आधार के अनुसार दो साल की अवधि के लिए महासभा या सामान्य सभा द्वारा चुने जाते है। मूल रूप से सुरक्षा परिषद में 6 अस्थायी सदस्य देश हो सकते थे लेकिन 1965 में अस्थायी देशों की संख्या 10 कर दी गयी थी |
सुरक्षा परिषद के नामकरण को लेकर
क्या –क्या कहा जाता है !
अपनी स्थापना से लेकर आज तक संयुक्त राष्ट्र संघ में सुरक्षा परिषद ने
अपनी भूमिका से हर स्तर पर प्रभावित किया है साथ ही एक बेहद महत्वपूर्ण अंग होने के
कारण अनेक विद्वानों ने इस परिषद को अनेक नामों से अलंकृत किया है
किसने कहा
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क्या कहा
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डेविड कुशमेन
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सुरक्षा परिषद
को “दुनियाँ की पुलिस मैन “ कहा था
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पामर व
पार्किंस
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सुरक्षा परिषद
को “ संयुक्त राष्ट्र संघ की कुंजी “ कहा था
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ए.एच. डॉक्टर
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सुरक्षा परिषद
को “संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रवर्तन भुजा” कहा था |
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सुरक्षा परिषद को “शांति व सुरक्षा का पहरेदार” भी कहा जाता है |
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सुरक्षा परिषद को “संयुक्त
राष्ट्र संघ का हदय “ भी कहा जाता है |
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सुरक्षा परिषद को “संयुक्त
राष्ट्र का सर्वोच्च शक्ति के प्रतिनिधित्व वाला अंग “ भी कहा जाता है |
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सुरक्षा
परिषद की कार्य-प्रणाली
संयुक्त
राष्ट्र संघ का सबसे महत्वपूर्ण अंग के रूप में सुरक्षा परिषद अपनी भूमिका को
निम्न लिखित रूप से अपनी कार्य-प्रणाली को अंजाम देता है –
- सुरक्षा परिषद का स्थायी सत्र में रहना |
- सुरक्षा परिषद की बैठक 14 दिन में एक बार होना |
- सुरक्षा परिषद की बैठक आवश्यकता पड़ने पर 24 घंटे में भी |
- सुरक्षा परिषद की बैठक के महत्वपूर्ण मामलों में निर्णय के लिए 9 मतों की आवश्यकता होती है लेकिन इन 9 मतों में 5 स्थायी राष्ट्रों का होना अति-आवशयक है |
- सुरक्षा परिषद का निरंतर कार्य करते रहना |
संयुक्त राष्ट्र संघ में सुरक्षा परिषद के अनेकों महत्वपूर्ण कार्य होतें है, इन कार्यों को निम्न लिखित बिन्दुओं में देखा जा सकता है -
- अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का कार्य करना |
- संयुक्त राष्ट्र संघ में महासचिव का चयन करना |
- आंतरिक मामलों में निर्णय लेने संबंधी कार्य करना |
- अंतर्राष्ट्रीय शांति भंग करने वाले राष्ट्रों पर कठोर कार्यवाही करना |
- अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति करना |
- नये राष्ट्रों की सदस्यता पर निर्णय लेना |
संयुक्त
राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में वीटो पॉवर महत्वपूर्ण हथियार के रूप में प्रयोग
किया जाता है और अनेकों कर इस वीटो पॉवर का गलत इस्तेमाल भी हुआ है | ध्यान रहे की वीटो
पॉवर केवल विश्व के सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्यों को ही प्राप्त है |
वीटो
शक्ति का मतलब :- वीटो पॉवर का मतलब है किसी महत्वपूर्ण
मामलों में फ़ैसला लेते समय 5 स्थायी सदस्यों का उस विषय में “हाँ “
होना जरूरी है , अन्यथा यदि एक भी
राष्ट्र के माना करने पर उस विषय पर अड़ंगा लग जाएगा |
- सुरक्षा परिषद में सबसे पहले वीटो पॉवर का प्रयोग 1946 में भूतपूर्व सोवियत संघ द्वारा किया गया था |
- मजे की बात है की संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर में “वीटो शब्द” का इस्तेमाल नहीं हुआ है |
- 1957-85 भूतपूर्व सोवियत संघ के विदेश मंत्री “आंद्रेयओमीको” को “मिस्टर नोट” के नाम से जाना जाता है |
सुरक्षा परिषद : विशेष नोट
- संयुक्त राष्ट्र संघ की अपनी कोई सेना नहीं है |
- संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर में संशोधन के लिए महासभा के 2/3 सदस्यों के बहुमत के साथ सुएक्षा परिषद के 5 स्थायी राष्ट्रों की सहमति आवश्यक है|
सुरक्षा परिषद : विवादों का निपटारा
संयुक्त
राष्ट्र संघ के विवादों के निपटारे के लिएअंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संगठन हर तरीके से सुलह की कौशिश करता है ताकि अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा स्थापित की जा सके |
- विवादित राष्ट्रों के साथ पत्र-व्यवहार द्वारा सुलह की कौशिश करना |
- विवादित राष्ट्रों के साथ विभिन्न स्तर पर वार्ता करना |
- विवादित राष्ट्रों के साथ विभिन्न स्तर पर बातचीत करना |
- विभिन्न स्तरों पर द्विपक्षीय वार्ता ,पंच , मध्यस्थता करना |
- अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के निर्णय द्वारा निपटारा करना |
- सैनिक कार्यवाही का प्रयोग करके निपटारा करना |
- उस राष्ट्र विशेष के प्रति आर्थिक प्रतिबंध लगाकर सुलह की कौशिश करना |
Good
ReplyDeleteथैंक्स
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