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राष्ट्र-निर्माण की चुनौतियाँ NCERT BOOK SOLUTIONS कक्षा -12 राजनीति विज्ञान - II स्वतंत्र भारत में राजनीति -भारतीय राष्ट्र–निर्माण की चुनौतियाँ hindi Medium Chapter -1 ( Part- I )

भारतीय राष्ट्र–निर्माण की चुनौतियाँ 
NCERT Books Solutions for Class 12 राजनीति विज्ञान - II 

महत्वपूर्ण बिन्दु :-

  •  वर्ष 1947 के 14-15 अगस्त की मध्य रात्री को भारत आजाद हुआ | स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू नें इस रात को संविधान सभा के एक विशेष सत्र को संबोधित किया था |उनके इस प्रसिद्ध भाषण को -" भाग्य वधू से चिर- प्रतीक्षित भेंट " या "ट्रिस्ट विद डेस्टिनी" के नाम से जाना जाता है |
  • आजादी के समय दो महत्वपूर्ण बातों पर सहमति बनी थी - 
  • देश का शासन लोकतांत्रिक तरीके से चलाया जायेगा |
  • सरकार सबके भले के लिए काम करेगी | इसमें विशेष रूप से गरीब और कमजोर वर्ग का खास ख्याल रखा जायेगा |

आजादी के समय भारतीय राष्ट्र-निर्माण  के समक्ष तीन महत्वपूर्ण चुनौतियाँ थी –

  • भारत को एकता के सूत्र में बांधने की :- भारतीय राष्ट्र-निर्माण  के समक्ष महत्वपूर्ण चुनौती थी भारत को एकता के सूत्र में बांधने की अर्थात सम्पूर्ण भारत की विविधता को एक सूत्र में बनाए रखना ताकि भारत भूमि की एकता और अखंडता बनी रहे |
  • लोकतंत्र को कायम रखना :- भारतीय राष्ट्र-निर्माण  के समक्ष महत्वपूर्ण चुनौती थी लोकतंत्र को कायम रखना अर्थात भारतीय संविधान की बनावट और ढांचागत संरचना विश्व में सबसे सुंदर है इसमें दी गई विशेषताओं और प्रावधानों पर वास्तविक अर्थों में खरा उतरना और स्वच्छ लोकतंत्र के रूप में उदाहरण बनना |
  • विकास की चुनौती :- भारतीय राष्ट्र-निर्माण  के समक्ष महत्वपूर्ण चुनौती थी विकास की चुनौती | विकास से तात्पर्य था - सबका भला कोई पीछे न रहे | लोककल्याण ही मूल मंत्र हो | संविधान के प्रावधानों के अनुसार सबका विकास और भला |


वर्तमान में भारतीय राष्ट्र- निर्माण के समक्ष महत्वपूर्ण चुनौतियाँ :- 

आजाद भारत के समक्ष तो मोटे तौर पर तीन चुनौतियाँ थी लेकिन आज यदि वास्तव में देखा जाए तो अनेकों चुनौतियाँ भारत भूमि के समक्ष खड़ी है जिन्हें निम्नलिखित बिन्दुओं में देखा जा सकता है |

  • भारतीय राष्ट्र-निर्माण  के समक्ष आज आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती |
  • भारतीय राष्ट्र-निर्माण  के समक्ष आज भ्रष्टाचार का दीमक की तरह बढ़ रहा हे |
  • भारतीय राष्ट्र-निर्माण  के समक्ष आज वैश्विक स्तर पर विकास की चुनौती |
  • भारतीय राष्ट्र-निर्माण  के समक्ष आज लोकतांत्रिक मूल्यों व आस्थाओं को बरकरार रखनें की चुनौती |
  • राष्ट्र की एकता व अखंडता को बनाये रखने की चुनौती |
  • पर्यावरण और ऊर्जा सुरक्षा,और पारस्थितिकीय व संसाधनों को जोखिम में डाले बिना विकास लक्ष्य को प्राप्त करना एक बड़ी चुनौती है|
  • भारतीय राष्ट्र-निर्माण  के समक्ष आज जातिवाद की समस्या |
  • भारतीय राष्ट्र-निर्माण  के समक्ष आज सांप्रदायिकता की समस्या |
  • भारतीय राष्ट्र-निर्माण  के समक्ष आज गरीबी,भूख की समस्या |
  • भारतीय राष्ट्र-निर्माण  के समक्ष आज शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र का व्यावसायिकरण होना |
  • भारतीय राष्ट्र-निर्माण  के समक्ष आज आर्थिक सुरक्षा की गारंटी की समस्या |
  • भारतीय राष्ट्र-निर्माण  के समक्ष आज देश में आंतरिक और बाहरी चुनौतियों का खतरा |
  • भारतीय राष्ट्र-निर्माण  के समक्ष आज पड़ोसी देशों से सुदृढ़ संबंधो की चुनौती |
  • भारतीय राष्ट्र-निर्माण  के समक्ष आज नक्सलवाद की समस्या |
  • भारतीय राष्ट्र-निर्माण  के समक्ष आज स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियाँ |
  • भारतीय राष्ट्र-निर्माण  के समक्ष आज आत्मविश्वास ,संयम,व धैर्य की चुनौती |

वर्तमान में भारतीय राष्ट्र- निर्माण  के समक्ष महत्वपूर्ण चुनौतियों  का निराकरण के उपाय :- 


  • आज आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती है जिसका निराकरण मानवधर्म, नैतिक मूल्यों,सत्य,अहिंसा,में निहित है |
  • भ्रष्टाचार का इलाज व्यक्ति की मानसिकता को उच्च आदर्शों  की शिक्षा व कठोर कानूनों द्वारा द्वारा किया जा सकता है |
  • वैश्विक स्तर पर विकास को भारत भूमि के उच्च आदर्शों ,कार्यों,ढांचागत सुधार और नैतिक विश्वास द्वारा हासिल कर सकते है | 
  • आज हमें अपने लोकतांत्रिक मूल्यों व आस्थाओं में पुन : विश्वास जगाने की आवश्यकता है | 
  • राष्ट्र की एकता व अखंडता ही हमारी असली पूंजी है | जिसे सहिष्णुता, विश्वास,आपसी भाई चारे और आंतरिक व बाहरी ताकतों से सावधान रहते हुए, हम सब एक है की भावना जाग्रत करनी होगी |
  • पर्यावरण और ऊर्जा सुरक्षा,और पारस्थितिकीय व संसाधनों को जोखिम में डाले बिना विकास लक्ष्य को प्राप्त करना एक बड़ी चुनौती है| इसे भारत भूमि की शक्तियों का सावधानी पूर्वक उपयोग करने की आवश्यकता है |
  • जातिवाद की समस्या का निराकरण जाति को राजनीति की वस्तु से बाहर करनें और सामाजिक समरसता में निहित है |
  • सांप्रदायिकता की समस्या का समाधान आपसी भाई-चारे और सहनशक्ति,तथा संकुचित मानसिकता से बाहर आने की है |
  • गरीबी,भूख की समस्या का हल हमारी नीति-निर्माण और उसे लागू करने की प्रक्रिया में निहित है, पारदर्शिता सबसे बड़ा कारक है |
  • आज शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र का व्यावसायिकरण हो चुका है जिसे पुन : सेवा धर्म से जोड़ना होगा |
  • आर्थिक सुरक्षा की गारंटी की समस्या का निदान भी हरी व्यवस्था में निहित है जिसे सही क्रियान्विति की आवश्यकता है |
  • देश में आंतरिक और बाहरी चुनौतियों से निपटने के लिए समूचा तंत्र विकसित करना होगा सतर्कता,समझदारी,कुशल रणनीति,और मजबूत सैन्य शक्ति ,नवीन टेक्नौलोजी द्वारा निपटा जा साता है | 
  • पड़ोसी देशों से सुदृढ़ संबंधो में सुधार के लिए बातचीत,द्विपक्षीय समझ,आपसी सौहार्द्ध,व्यापार,खेल,सांस्कृतिक सम्बन्धों आदि द्वारा सतत प्रयास करने चाहिए |


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