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Powers of Indian President - Executive Powers, Legislative power,Financial powers, Judicial powers, military powers, Emergency.भारत का राष्ट्रपति :योग्यता,निर्वाचन,शक्तियाँ व परीक्षा उपयोगी महत्वपूर्ण सामग्री



भारत का राष्ट्रपति : परीक्षा उपयोगी महत्वपूर्ण सामग्री

भारत में ब्रिटेन की भाँति संसदीय प्रणाली को स्थापित किया गया, लेकिन राजतंत्रात्मक के स्थान पर संविधान निर्माताओं ने गणतंत्रात्मक शासन प्रणाली को अपनाया गया है| 
इस प्रकार हमारी संघीय प्रणाली में राष्ट्रपति के पद को सर्वोपरि स्थान दिया गया है |
हमारा राष्ट्रपति संवैधानिक प्रधान है , राज्य करता है, शासन नहीं , लेकिन सारे निर्णय उन्हीं के नाम से होते है | 
इस प्रकार राष्ट्रपति देश का प्रतीक है , गरिमा है |

संवैधानिक प्रावधान और राष्ट्रपति :- भारतीय संविधान में भाग 5 में अनुच्छेद 52 से 62 तक राष्ट्रपति के लिए प्रावधान किए गए है |

राष्ट्रपति पद हेतु प्रमुख योग्यताएँ :- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 58 के अनुसार वही व्यक्ति राष्ट्रपति पद हेतु निर्वाचित हो सकता है जो निम्न लिखित योग्यता पूरा करता हो -


  1.          भारत का नागरिक हो |
  2.          35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो |
  3.         लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने की योग्यता रखता हो |
  4.         किसी सरकारी लाभ के पद पर ना हो | ( लेकिन राज्यपाल और मंत्रियों को लाभ का पद नहीं माना गया है )

  5. राष्ट्रपति का निर्वाचन :- भारतीय संविधान में “गणतंत्रात्मक शासन प्रणाली “ को अपनाया गया है | अर्थात भारत का राष्ट्रपति वंशानुगत ना होकर निर्वाचित होगा | राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष निर्वाचन पद्धति द्वारा होगा | जो की एक निर्वाचक मण्डल द्वारा “आनुपातिक प्रतिनिधित्व से एकल संक्रमणीय प्रणाली द्वारा किया जाएगा | ( अनुच्छेद 54 और 55 में के अनुसार ) |

राष्ट्रपति चुनाव हेतु निर्वाचक मण्डल :- भारत के राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मण्डल द्वारा किया जाता है जिसमें निम्न लिखित सदस्य होते है – (1) संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य | (2) राज्य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य | (3) संघ राज्य क्षेत्रों “दिल्ली और पांडिचेरी “ (70वां संविधान संशोधन 1992 द्वारा ) के विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य |

राष्ट्रपति के निर्वाचन का तरीका :-


  1. (   किसी राज्य की विधान सभा के सदस्य के वोट का मूल्य =  राज्य की कुल जनसंख्या में , राज्य विधानसभा के कुल निर्वाचित सदस्य संख्या से भाग देना और जो संख्या आती है उसे 1000 से भाग देना | यदि 500 से अधिक हो तो उसमे 1 और जोड़ दें | इस प्रकार 1 विधायक का मूल्य आ जाएगा |

  2. (   संसद के प्रत्येक सदन के प्रत्येक निर्वाचित सदस्य के मतों की संख्या = समस्त राज्यों की विधान सभाओं के कुल सदस्यों के प्राप्त मतों की संख्या का योग | इसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों की कुल संख्या का भाग देना है| जो संख्या आयेगी वह 1 सांसद का मत मुली होगा |

  3. (  उपरोक्त तरह की प्रक्रिया को आनुपातिक प्रतिनिधित्व की प्रणाली कहा जाता है |

  4. (   एकल संक्रमणीय पद्धति – यदि राष्ट्रपति चुनाव में एक से अधिक उम्मीदवार हो तो मतदाताओं द्वारा मत वरीयता के आधार पर दिया जाता है ....जैसे पहली पसंद , दूसरी ,तीसरी,चौथी आदि ......ताकि पहली गणना में उम्मीदवार विजय न होने की स्थिति में वोटों का हस्तांतरण किया जा सके ....और सबसे कम वाला बाहर हो जाता है |

  5. (   निर्वाचित कोटा का सूत्र – अवैध मतों को बाहर निकालना | वेध मतों में 2 का भाग देकर भागफल में 1 जोड़कर निर्वाचित घोषित होने वाले उम्मीदवार का कोटा निकाला जाता है | और यदि पहली गणना में निर्धारित कोटा पूरा कर लेता है तो विजय घोषित कर दिया जाता है | अभी तक केवल “वी वी गिरि” के समय दूसरे दौर की गणना हुई थी तब विजय घोषित हुए थे |

राष्ट्रपति द्वारा शपथ लेना :-  भारतीय संविधान के अनु 60 द्वारा भारत के राष्ट्रपति को सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शपथ दिलाते है |

राष्ट्रपति का कार्यकाल :- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 56 के अनुसार राष्ट्रपति का कार्यकाल पदग्रहण की तारीख से 5 वर्ष की अवधि के लिए होगा |

राष्ट्रपति पर महाभियोग प्रक्रिया :- भारत के राष्ट्रपति के विरुद्ध अनुच्छेद 61 के तहत केवल “संविधान का अतिक्रमण”  करने की स्थिति में ही महाभियोग लगाया जा सकता है |

राष्ट्रपति की प्रमुख शक्तियाँ :-

( 1 ) कार्यपालिका शक्तियाँ – भारतीय संविधान के अनुच्छेद 73 में कहा गया है कि संघ कि कार्यपालिका शक्तियाँ राष्ट्रपति में निहित होगी , जिनका प्रयोग अपने अधिनास्थों के माध्यम से करेगा | अनुच्छेद 74 के अनुसार मंत्रिपरिषद का गठन करना |
                     I.            मंत्रिपरिषद का गठन करना |
                    II.            बहुमत वाले दल के नेता को सरकार के लिए आमंत्रित करना |
                  III.            प्रधानमंत्री कि सलाह पर अन्य मंत्रियों की नियुक्ति |
                 IV.            महान्यायवादी की नियुक्ति करना |
                   V.            नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति करना |
                 VI.            वित्त आयोगों के सदस्यों की नियुक्ति करना |
                VII.            संघ लोकसेवा आयोगों के अध्यक्षों व सदस्यों की नियुक्ति करना |
              VIII.            मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य आयुक्तों की नियुक्ति करना |
                 IX.            सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश व न्यायाधीशों की नियुक्ति करना |
                   X.            अल्पसंख्यक आयोग , अनुसूचित जाति,जन जाति आयोग ,राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ,के अध्यक्षों व सदस्यों की नियुक्ति करना |
                 XI.            राज्यपाल ,उपराज्यपाल , प्रशासक आदि की नियुक्ति करना |
                XII.            विभिन्न आयोगों को गठित कने की शक्ति |

विधायी शक्तियाँ :- भारतीय संविधान में राष्ट्रपति को विस्तृत शक्तियाँ दी गई है
         I.            लोकसभा में आंग्ल भारतीय का प्रतिनिधित्व न होने पर 2 व्यक्तियों का मनोनयन करना |
        II.            राज्यसभा में कला,विज्ञान,शिक्षा,खेल,समाजसेवा आदि के 12 व्यक्तियों को मनोनीत करना |
      III.            सांसद के सत्र को आहूत करना |
     IV.            संसद के संयुक्त अधिवेशन में अभिभाषण देना |
       V.            कुछ विधेयक राष्ट्रपति की अनुसंशा से ही संसद में प्रस्तुत होते है |
     VI.            भारतीय संविधान के अनुच्छेद 123 के तहत अध्यादेश जारी करने की शक्ति का होना |
    VII.            वीटो पॉवर की शक्ति का हाना |

राजनयिक शक्तियाँ  :- भारतीय संविधान के अनुसार अन्य देशों के साथ संव्यवहार राष्ट्रपति के नाम से ही होता है –राजदूतों ,उच्चायुक्तों की नियुक्ति ,संधियाँ ,समझौते आदि राष्ट्रपति के नाम से ही किए जाते है |

सैनिक शक्तियाँ :- भारत की सैनिक शक्तियाँ राष्ट्रपति में निहित होती है | रक्षा बालों का प्रधान होता है |

न्यायीक शक्तियाँ :-  ( 1 ) सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्तियाँ राष्ट्रपति द्वारा की जाती है |
                              ( 2 ) क्षमादान की शक्ति का होना |

आपातकालीन शक्तियाँ :-  (1) अनुच्छेद 352 -राष्ट्रीय आपातकालीन शक्तियाँ (2) अनुच्छेद 356 -राज्यों का संवैधानिक तंत्र विफल होने पर राष्ट्रपति शासन लगाना | (3) अनुच्छेद 360 के तहत वित्तीय आपातकालीन शक्तियाँ






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2 comments:

  1. प्रतियोगी परीक्षा के लिए ऐसे ही शानदार सामग्री भेजते रहें।....आपका बहुत बहुत आभार

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  2. वेरी नाइस सर

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